Computer virus, एक ऐसा नाम जो कंप्यूटर user को परेशान करता है, क्योंकि यह user का personal data चोरी करता है और अगर उसमे सफल नही होता तो पूरे कंप्यूटर system को crash कर देता है | फिर भी data ख़त्म हो जाता है बस फ़र्क सिर्फ इतना है आपके data का misuse नही होता है | जो भी है,खतरे वाली बात तो है | इसलिए बेहतर antivirus download करके use करें और साथ ही अपने data का backup ज़रूर रखें |
कंप्यूटर वायरस एक तरह का coding द्वारा बनाया हुआ software ही होता है जो आपके कंप्यूटर में हानि पहुँचाने के लिए बनाया जाता है | computer virus आपके data का misuse कर सकता है आपके account से पैसा निकाल सकता है या आपकी personnel documents किसी और को बेच सकता है बिना आपकी इजाज़त के |
Types of Computer- सबसे पहला computer किसने और कब बनाया गया? हिदी में जानिये
ऐसे काम dark web पर सबसे ज्यादा होते है | यह internet world की काली दुनिया है | ये वायरस अपने आपको multiply करता जाता है यानि पहले दो गुना फिर चार गुना फिर आठ गुना, और साथ ही इसकी गति भी बढती जाती है |
कहाँ से आता है कंप्यूटर वायरस-computer virus
computer वायरस क्या है कहाँ से आता है? कंप्यूटर वायरस बनाने वाला और कोई नही software developer ही होते हैं | ये लोग कंप्यूटर coding में expert होते हैं और अपने इस ज्ञान का गैर कानूनी तौर पर प्रयोग करने लगते है और बहुत बड़ी मात्रा में नुकसान पहुँचाते हैं | आम तौर पर ये same windows extension file की तरह ही होते हैं जैसे- .exe/.sys/ .dll / .ocx/ .com आदि |
कई बार वायरस कंप्यूटर को इस हद तक नुकसान पहुँचाते हैं जिसकी भरपाई करना नामुमकिन होता है आज इस article में हम आपको उन सभी मुख्य वायरस के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्होंने बहुत बड़े पैमाने पर अर्थव्यवस्था को ध्वस्त कर दिया | बीते कुछ वर्षों में कंप्यूटर वायरस ने बहुत से क्षेत्र में बहुत भारी हानि पहुँचाई | चलिए शुरू करते हैं top कंप्यूटर वायरस in Hindi guide |
भारत में दिखाई देने वाला पहला कंप्यूटर वायरस कौन सा था
Computer virus कहाँ, कौन बनाता है? इसकी पहले से कोई पुख्ता जानकारी नही होती है | जिस प्रकार भारत के बाहर बहुत से वायरस खोजे गए हैं | उसी प्रकार भारत में भी एक वायरस को 13 अक्तूबर को खोजा गया था जिसका नाम था कोलम्बस (Columbus) था | इसी साल यह वायरस भारत में और विश्व के बाकि देशों के सक्रीय हुआ था |
यह virus boot sector files को और hard disk की files को सबसे पहले संक्रमित करता था | कुछ cases में तो इस वायरस ने computer के data को पूरी तरह नष्ट कर दिया था |
सबसे ख़तरनाक कंप्यूटर वायरस | computer malware examples
Top कंप्यूटर वायरस की इस list में आप जानेंगे कि सबसे पहला वायरस कौन सा था और किस year में खोजा गया | इसके साथ ही आप ये भी हर दशक में कोई ना कोई वायरस ऐसा ज़रूर आया जिसने भरी मात्रा में computer और computer networking को नुकसान भी पहुँचाया | आइये उनके बारे में जानने की कोशिश करते हैं |
CREEPER (1971)
Technology field में सबसे पहला वायरस “Creeper” बनाया गया | इस वायरस ने सबसे पहले PDP -11 कंप्यूटर को संक्रमित किया | ये कंप्यूटर ARPANET से जुड़े हुए थे और ये सभी mainframe कंप्यूटर थे |
इस कंप्यूटर वायरस का मक़सद किसी को नुकसान पहुँचाना नही बल्कि prank करना था | लेकिन इसकी popularity को देखते हुए इसका प्रयोग गलत तरीके से किया जाने लगा | यह वायरस इन्टरनेट के ज़रिए फैलता था | कंप्यूटर में जाते ही एक सन्देश दिखाने लगता था-
“I AM CREEPER, CATCH ME IF YOU CAN”
ELK CORNER (1982)
यह कंप्यूटर वायरस high school के स्टूडेंट द्वारा बनाया गया था | इसने सबसे पहले Apple -II computers को अपना निशाना बनाया | यह वायरस कंप्यूटर में floppy के द्वारा फैलता था क्योंकि उस समय कंप्यूटर को floppy के द्वारा ही boot किया जाता था |
यह boot सेक्टर की files को ही सबसे पहले संक्रमित करता था | एक बार कंप्यूटर को हैक कर लेने के बाद हैक करने वाला अपने मर्ज़ी से कोई peom ( कविता ) लिख सकता था जिसको रोका नहीं जा सकता था | अगले 50th boot पर कंप्यूटर पूरी तरह से crash हो जाता था |
MORRIS WORM (1988)
इस वायरस को बनाने वाले व्यक्ति ने अपने ही नाम से बनाया | इसको बनाने वाले व्यक्ति का नाम Robert Morris ने बनाया जो कि एक graduate student था | इसे कुछ ही दिनों में computer fraud & abuse act में पकड लिया गया |
ILOVEYOU (2000)
और ये है कंप्यूटर world का सबसे खतरनाक कंप्यूटर वायरस “ILOVEYOU” जैसा की नाम से ही पता चलता है कि ये कितना मोहक वायरस है और यक़ीनन सबसे शातिर भी | यह वायरस 4 मार्च 2000 को पहचाना गया |
सिर्फ 9 दिनों के अंदर इस वायरस ने 50 लाख से भी ज्यादा कंप्यूटर को संक्रमित करा दिया | यह सबसे पहला वायरस था जो e-mail के ज़रिए फैला था | ये अपने शिकार को ईमेल में एक i love you का massage भेजता था जो बेहद रोमांटिक था user attract होकर mail open कर देते थे और वायरस कंप्यूटर में प्रवेश कर जाता था और कंप्यूटर पर पूरे तरह से अधिकार कर लेता था |
जैसे ही user इस वायरस के भेजे हुए mail को open करता था ये वायरस user के address list में जितने भी लोग होते थे सभी के कंप्यूटर में चला जाता था | हैरानी की बात तो ये कि इसने मात्र 9 दिनों में ही 50 लाख computers को infect कर दिया था | इस अटैक के बाद अमेरिका में offline mailing system शुरू किया गया |
CIA और Pentagon के computers को पूरी तरह shutdown कर दिया | कुछ ही घंटो में ये वायरस एक वैश्विक महामारी बन चुका था क्योंकि यह basic human emotion (बुनियादी मानवीय भावना ) को ध्यान में रखकर खेला गया था |
CODE RED (2001)
यह कंप्यूटर वायरस जुलाई 2001 में पहचान में आया | इससे लगभग 3,60,000 computers संक्रमित हुए ,इसकी खास बात ये थी कि पूरी तरह से delete करने के बाद भी ये वायरस फिर से अटैक कर देता था | Hard disk को format करने से भी ये वायरस ख़त्म नही होता था | इसी वजह से बहुत सारे hardware devices को बदलना पड़ा |
Microsoft के server IS की इसी वायरस ने हैक किया था | इसने internet इनफार्मेशन server की कमियों का फायदा उठाकर सुरक्षा विशेषज्ञों को उनकी website को नीचे गिराने के लिए विवश किया |
NIMDA (2001)
यह कंप्यूटर वायरस एक Trojan horse था जो काफी हानिकारक साबित हुआ | यह वायरस अपने टारगेट को उनसे जुड़े आपत्तिजनक अश्लील massage और photos भेजता था और फिरौती की मांग करता था | यह वायरस सबसे पहले Email और web server को अपना निशाना बनता था | सन 2001 में release होने के कुछ ही घंटों में ये पूरे विश्व में फ़ैल गया |
SIMILE (2002)
यह कंप्यूटर वायरस 14 February 2002 में लेखक Mental Driller के द्वारा लिखा गया | इसे assembly language में लिखा गया | यह वायरस Metamorphic process के द्वारा खुद का निर्माण कर लेता था और स्वयं को multiply करता जाता था |
अटैक करने के बाद इस वायरस को यदि किसी folder या sub-folder के नाम में ‘W’ आता था तो वह file या folder संक्रमित होगा और यदि F, PA, SC, DR, NO आदि अक्षर आते हैं तो file के संक्रमित होने की सम्भावना कम होगी |
BLASTER (2003)
यह कंप्यूटर वायरस 11 अगस्त 2003 को पहचाना गया | विशेष बात ये की इसको बनाने वाला एक 18 साल का युवक था जिसका नाम था-Jeffery Lee Parson |
इस वायरस में Microsoft company के मालिक (Bill Gates) को ही सबसे पहले अपना निशाना बनाया | इसने windows XP की पूरी programming को ही खराब कर दिया |
इसने बिल गेट्स के system को हैक कर लिया जिसमे एक massage था “ Bill Gates why do you make it possible? Stop making money and fix your software“ | जिसका हिंदी अनुवाद इस प्रकार है “ Bill Gates आप इसे संभव क्यों बनाते हैं ? पैसा कमाना बंद करें और अपने software को ठीक करें | “
SLAMMER (2003)
इसी साल एक और कंप्यूटर वायरस आया जिसका नाम है Slammer | इस वायरस ने अमेरिका की अर्थव्यवस्था को पूरी तरह से बंद का दिया | ये जिस कंप्यूटर को अपना शिकार बनता था use पूरी तरह से नष्ट कर देता था |
सबसे डरावनी स्थिति तो ये की ये वायरस कंप्यूटर को संक्रमित करने के कुछ ही seconds में अपने आप को multiply करने लगता था |
सिर्फ 15 मिनट में ही आधे से ज्यादा computers infected हो चुके थे जो पूरी तरह से इन्टरनेट पर निर्भर थे | इसी वायरस ए कारण अमेरिका में ATM सुविधा बंद हो गयी थी |
911 सरकारी और निजी सेवाएँ ठप्प हो गयी थी | online error की वजह से वायु सेवा बंद करनी पड़ी और सबसे बड़ी हानि ये कि Ohio (ओहियो) में Nuclear plant crash हो गया |
Password क्या है? computer के लिए strong password कैसे बनायें?
FIZZER (2003)
2003 में बहुत सारे वायरस एक्टिव थे जैसे – Code Red, Slammer आदि लेकिन इनमे सबसे ख़तरनाक कंप्यूटर वायरस Fizzer था,जो रूपये-पैसों की मांग करता था | लेकिन यह Code Red की तरह उतना famous नही था |
Fizzer malware अपने टारगेट को हैक करके उसकी address book का प्रयोग करता था | वैसे इसके पास अपनी address book भी थी जिसमे उसके target होते थे |
जब ये famous नही हो सका तो इसने परिचितों को Porn और गलियाँ भेजनी शुरू कर दी | यह सबसे पहले system32 को infect करता था और उसमे अपनी एक file बना देता था जैसे-iservc.exe और inetbak.exe | Fizzer का icon भी same KaZaA और sharefolder जैसा होता था |
इसके अंदर यह सभी files को हैक कर लेता था | यहाँ तक कि MP3 files को पूरी तरह से जैम कर देता था |
WELCHIA (2003)
इस कंप्यूटर वायरस को Blaster जैसे वायरस को ख़त्म करने के लिए लिखा गया | यह Blaster वायरस की coding को खत्म कर देता था और फिर स्वयं delete हो जाता था |
MY DOOM (2004)
यह कंप्यूटर वायरस Email के ज़रिए कंप्यूटर में enter करता था | जैसे ही user mail को open करता था ये कंप्यूटर में install हो जाता था | ILOVEYOU वायरस के बाद सबसे घातक वायरस mydoom को ही माना जाता है | इसने सबसे पहले SCO, Microsoft, Google जैसी technology company को अपना शिकार बनाया |
यह भी कंप्यूटर में install होते ही user के address बुक हैक करता और फिर user के दोस्तों,सहयोगियों और family members में फ़ैल जाता था | इसके फैलने की स्पीड बहुत तेज़ थी |
Mydoom वायरस के कारण कुछ इस तरह का massage स्क्रीन पर दिखाई देता था-
Hello Andy:” I am just doing my own job, don`t make personal personal. sorry!!”
Andy कौन था किसी को पता नही चला | 2004 में ऐसे ही ईमेल से 25% ऐसे कंप्यूटर थे जो mydoom से संक्रमित थे |
COMMON WARRIOR (2005)
यह कंप्यूटर वायरस फ़ोन में text massage के द्वारा फैलने वाला सबसे पहला कंप्यूटर वायरस है जो 2005 में बनाया गया था | सबसे पहले इसने 60 cell phones ख़राब कर दिए | experts का मानना है कि जैसे जैसे cellphones बढ़ते जा रहे हैं उसी प्रकार ये वायरस भी एक दिन विकराल रूप ले लेगा |
POISON IVY (2005)
यह कंप्यूटर वायरस सबसे पहले 2005 में डिटेक्ट हुआ | यह हैक किये हुए कंप्यूटर पर पूरी तरह से नियंत्रण कर लेता था | इस वायरस को भेजने वाला user के कंप्यूटर पर अधिकार करके उसमें audio विडियो आदि को रिकॉर्ड कर सकता था और user को पता भी नही चलता था |
इसे remote access trojan के नाम से भी जाना जाता है | यह कंप्यूटर के camera स्पीकर आदि को भी प्रयोग कर सकता था और मौजूद data को बदल सकता था या पूरी तरह delete भी सकता था | कंप्यूटर सुरक्षा विशेषज्ञों के अनुसार इस वायरस का उपयोग security और Chemical industries में शामिल पश्चिमी कंपनियों के खिलाफ़ किया गया था |
STORM WORM (2006)
Storm Worm वायरस को Finnish F-Secure द्वारा डब किया गया था | यह Microsoft operating system का उपयोग कर कंप्यूटर को प्रभावित करता था | यह बहुत ही चालाक वायरस था जिसे एक subject line के साथ introduce किया गया जैसे magazine या newspaper की headlines होती है, जिस पर लोग आकर्षित होकर click करेंगे और malware का शिकार हो जायेंगे |
Storm Worm एक Trojan horse वायरस था जो बहुत ज्यादा मात्रा में ईमेल भेज देता था | इससे मेलबॉक्स बहुत ज्यादा भर जाता था और इनको खोल पाना या delete कर पाना बहुत मुश्किल होता था | इस कंडीशन में कंप्यूटर हैंग की स्थितिमें चला जाता था और malware से infect हो जाता था | इस तरह की कंडीशन को BOT या ZOMBIE कहते हैं | जुलाई 2007 तक यह वायरस 200 लाख से भी ज्यादा ईमेल में पाया जा चुका था |
ZEUS (2007)
Zeus (ज्यूस) वायरस को 2007 में launch किया गया | यह भी windows version पर ही एक्टिव होता है | इसका उपयोग दुर्भावनापूर्ण और आपराधिक कार्यों के लिए किया जाता है | ये वायरस net-banking लॉग इन के समय एक्टिव हो जाता है और Bank account से सम्बंधित जानकारी जैसे- Username, password, Account number, OTP आदि |
Strong password kaise banaye
इसी वजह से ये Cyber अपराध में ज्यादा popular हो गया | इसे कम से कम 50 सेंट में ख़रीदा बेचा जाने लगा | 2009 में यह और ज्यादा फ़ैल गया | Prevx सुरक्षा company ने दावा किया कि Zeus वायरस ने 74000 से भी अधिक खातों से ransom के लिए समझौता किया |
AGENT.btz (2008)
2008 में आये इस कंप्यूटर वायरस के फैलने का तरीका सबसे अलग था | security के रूप में जो thumb impression use होता था ये उसको read करके access कर लेता था और पूरे system को अपने कब्ज़े में कर लेता था |
कुछ शोधकर्ताओं ने बताया कि ये विदेशी जासूसों का काम हो सकता है | वायरस ने एक डिजिटल platform बनाया जहाँ से सभी सैन्य सूचना विदेशी server में transfer कर सकता था | इसे मुख्य रूप से सैन्य server को हैक करने के लिए ही बनाया गया था |
अमेरिकी सैन्य अड्डे पर USB Flesh drive,जो Agent.btz वायरस से संक्रमित थी, use अमेरिका के middle east command से जुड़े लैपटॉप में लगाया गया | वहां से यह पूरे system में फ़ैल गया |
इसे रोकने के लिए pentagon ने सभी USB drive और removable media के प्रयोग पर प्रतिबन्ध लगा दिया | तब कही जाकर 14 महीनो के प्रयास के बाद ये वायरस कंप्यूटर से ख़त्म हो पाया |
CONFICKER (2009)
यह कंप्यूटर वायरस windows आधारित computers पर ही अटैक करता था | इससे बहुत सारे computers जुड़े हुए थे जिन्हें रोकना बहुत मुश्किल था | यह कंप्यूटर में से financial data (वित्तीय जानकारी) चुराता था | इसकी जटिलता को देखते हुए वायरस शोधकर्ताओं ने इसे “super bug” के नाम से संबोधित किया |
STUXNET (2010)
यह वायरस 2010 में सामने आया | इससे पहले ये 2009 में ईरान में पहला कंप्यूटर संक्रमित कर चुका था | इसके malware program ने सबसे पहले secondary storage devices को निशाना बनाया | जिसके लिए संयुक्त राज्य अमेरिका को और इजराइल को जिम्मेदार ठहराया गया |
इसका मुख्य उद्देश्य औद्योगिक प्रणालियों को नियंत्रित करना था | 2010 में इसको ईरान के Natanz में Uranium संवर्धन सुविधा में प्रयोग की जाने वाली मशीनरी को नुकसान पहुँचाने के लिए बनाया गया था | इसे अमेरिका के सरकारी इंजीनियरों द्वारा बनाया गया था |
Conclusion:
कंप्यूटर वायरस ऐसा छिपा हुआ virus है जिसे हम पकड़ नहीं सकते | देख नही सकते और न ही छू सकते हैं | लेकिन हम सावधानी से अपने सभी कामों को कर सकते हैं | अपरिचित website massages ईमेल से दूर रहे | pirated software use न करें और न ही किसी प्रलोभन में आयें | आपको हमारी पोस्ट कैसी लगी हमें ज़रूर बताएं | हम ऐसी ही लाभप्रद जानकारी आपके लिए लाते रहेंगे | धन्यवाद् !!
फ्री टिप : किसी भी ईमेल link या massage या website को तब तक न खोलें जब तक कि आप आपको पूरे विश्वास के साथ ये पता न हो की वो क्या है और किसने भेजा है | अगर आपका परिचित नही है तो सावधान रहे | antivirus use करें और हो सके तो उसे बिना open किये ही delete कर दें |
welcome
Wow that was unusual. I just wrote an extremely long comment but after I clicked submit my comment didn’t appear.Grrrr… well I’m not writing all that over again. Regardless,just wanted to say wonderful blog!
Thanks!
Hmm is anyone else having problems with the pictures on this blog loading? I’m trying to figure out if its a problem on my end or if it’s the blog. Any feed-back would be greatly appreciated.
Thanks!
Woah! I’m really digging the template/theme of this website. It’s simple, yet effective. A lot of times it’s hard to get that “perfect balance” between user friendliness and appearance. I must say that you’ve done a very good job with this. Also, the blog loads very fast for me on Opera. Outstanding Blog!
Thank you for writing this post!
Thanks
Great content! Super high-quality! Keep it up!
Most welcome