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Computer Memory kya hai | memory ke prakar

Computer memory एक ऐसी device होती है जो कंप्यूटर को दिए गए instruction को store करती है और ज़रूरत पड़ने पर user को computer memory में save किये गए डाटा को provide किया जाता है | यह दो तरह की होती है primary memory और secondary memory | इसके बारे में हम बाद में विस्तार से बात करेंगे | पहले ये समझते हैं की computer memory है क्या |

computer memory मनुष्य याददाश्त की तरह काम करती है | जैसे कि हम अपने जीवन में जो कुछ भी देखते और सुनते हैं वह हमारे मस्तिष्क में जाकर save हो जाता है | जिस प्रकार कुछ बातों को याद रखने के लिए मानव मस्तिष्क होता है | उसी प्रकार computer में data को याद रखने के लिए memory में store करने की आवश्यकता होती है | यह computer का अभिन्न अंग है | इसको कंप्यूटर की main memory कहते हैं |

कंप्यूटर मेमोरी की परिभाषा (Definition of Computer memory)

“किसी भी प्रकार के दिए गए instruction, data, images, results आदि को computer memory में store करने वाले device को कंप्यूटर memory कहते हैं |”

कंप्यूटर मेमोरी की विशेषतायें (Features of computer memory in Hindi)

computer memory की विशेषताएं इस प्रकार है:

भण्डारण क्षमता (storage capacity )

Computer memory में data को store करने की क्षमता होती है | यह data को permanent store कर सकती है | secondary storage में data store करने की क्षमता अधिक होती है |

स्थिर और अस्थिर मेमोरी (volatile & Non volatile )

यह data को permanently और non-permanent दोनों तरह से data store करने में सक्षम होती है | हम data को save कर के और save किये बिना दोनों तरह से प्रयोग कर सकते हैं | कौन से डाटा को store करना है और कौनसे डाटा को नही करना है यह हमे computer को command देकर बताना होता है |

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भण्डारण क्षमता के अनुसार कीमत (price according to capacity)

Computer memory यानि primary memory में जैसे- जैसे data store करने की capacity बढ़ती है उसी तरह इसकी कीमत भी बढ़ती जाती है | अलग अलग storage capacity के अनुसार कीमत में अंतर होना कोई हैरानी की बात नही |

परिचालन समय (Access time )

RAM कंप्यूटर को कोई भी task complete करने के space provide कराती है, जैसे जैसे हम RAM की storage capacity बढ़ाते हैं वैसे वैसे कंप्यूटर की स्पीड भी बढ़ जाती है | चलिए अब बात करते हैं computer memory कितने प्रकार की होती है |

आइए इस chart के द्वारा कंप्यूटर memory units को समझते हैं:

Computer Memory kya hai 2

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Computer memory के प्रकार | Types of computer memory in Hindi |

जैसा कि हमने बात की, कंप्यूटर memory दिए गए निर्देशों को सुरक्षित करने वाले device को memory कहते हैं | यह दो तरह की होती है :

  • Primary memory या internal memory
  • Secondary Memory या External memory
  • Cache memory 

Primary memory के प्रकार | Types of Primary memory in Hindi 

Computer memory kya hai 3

दी गई image से primary memory को अच्छी तरह से समझा जा सकता है | Primary memory दो तरह की होती है :-

  • RAM- Random Access Memory 
  • ROM- Read Only Memory

आइए memory के बारे में विस्तार से जानते है | शुरुआत करते है RAM से यानि Random access memory से |

RAM- Random Access Memory kya hai

इसमें store किया हुआ data सिर्फ तब तक रहता है जब तक कंप्यूटर चलता रहते है यानि कि power ओंन रहती है जैसे ही कंप्यूटर अचानक बंद हुआ चाहे वो light जाने से हुआ हो या किसी और कारण से | यह memory data खो देती है जिसको आप पुनः प्राप्त नहीं कर सकते | इसलिए इसे Volatile memory स्थिर मेमोरी या temporary memory भी कहते हैं |

रैम (RAM ) कितने प्रकार की होती है | Types of RAM in Hindi | 

Computer primary memory की श्रेणी में मुख्य रूप से RAM (रैम) दो प्रकार की होती है | उसके बाद रैम को update किया जाता रहा जिसके कई version market में आते रहे | आइये उनके बारे में जानते हैं :-

SRAM (Static Random Access Memory)

इसको SRAM के नाम से भी जाना जाता है | यह memory सिर्फ तब तक इनफार्मेशन को store करती है जब तक power चालू रहती है और इसका refresh रेट भी ज्यादा होता है | यह mini-seconds में इनफार्मेशन refresh और store कर सकती है | यह Dynamic RAM की अपेक्षा बहुत तेज़ स्पीड से काम करती है |

SRAM में 6 transistor memory सेल होती हैं जिसके कारण data storage capacity बढ़ जाती है | इसको user के द्वारा replace नही किया जा सकता |

DRAM (Dynamic Random Access Memory)

इसको DRAM के नाम से जाना जाता है इसमें information कम समय के लिए store होती है जिससे बार बार data refresh करना पड़ता है | इसमें transistor और capacitor का pair use होता है जिसके कारण यह जल्दी गरम हो जाती है | इसको user के द्वारा आसानी से बदला जा सकता है |

SDRAM (Static and Dynamic Random Access Memory)

जैसा कि नाम से ही पता चलता है कि Static और Dynamic memory दोनों का मिला -जुला रूप है work performance को और ज्यादा बढाने के लिए इसको बनाया गया है इसकी data transformation rate बाकी दोनों RAM से बहुत अच्छी होती है |

SRAM (Synchronous Random Access Memory)

यह RAM dynamic RAM से ज्यादा अच्छी तरह से काम करती है साथ ही इसका data ट्रांसफॉर्मेशन rate भी बहुत बढ़िया होता है यह काफी तेज़ी से data refresh करती है | यह RAM जब एक से ज्यादा task sequence में पूरे करने होते हैं तब इस memory का use होता है |

SGRAM (Synchronous Graphic Random Access Memory)

यह memory Graphical इनफार्मेशन को store करने के लिए use होती है | यह CPU को single operation पूरा करने में help करती जैसा masked data like – write ,Read and Update | यह कम कीमत वाली video RAM होती है जो CPU BUS की स्पीड को 80 MHz, 100 MHz, 125 MHz तक increase कर देती है |

DDRSDRAM (Double Data Rate Synchronous Random Access Memory)

जैसा कि computer memory के बारे में ऊपर बताया गया है कि SDRAM बहुत अच्छी होती काफी task को तेज़ी से पूरा करने के लिए | use speed को यानि data rate को double करने के लिए इस RAM का निर्माण किया गया | यह कई तरह की RAM का Combination है | इसके कई version मार्किट में उपलब्ध हैं जो सबसे ज्यादा popular हैं जैसे – DDR 1, DDR 2, DDR 3, DDR 4 |

EDORAM (Extended data output Random Access Memory)

यह primary memory Pentium computer (1995) में use की जाती थी जिनमे 66 MHz का processor प्रयोग किया जाता था | इसकी ज़रुरत तब पड़ी थी जब computer को modify करके इस लायक बनाया जा रहा था की वो एक से ज्यादा task perform कर सके |

ECCRAM (Error correcting code Random Access Memory)

यह memory मुख्य रूप से Workstation computer और Server में use होती है | बाकी साधारण RAM में 8 silicon chip होती है जबकि इसमें 9 silicon chip का use किया जाता है जो इसकी स्पीड को तो बढाता ही है

साथ ही ये server में आने वाली errors को भी automatic रिस्टोर कर देती है जिससे computer या उनसे जुड़े server का data crash होने से बच जाता है | यह काफी महंगी memory होती है |

अब बात करते हैं दूसरी memory की, जिसका नाम है -ROM

ROM- Read Only Memory kya hai |

इस primary memory में रखा गया data हमेशा रहता है चाहे power ऑफ हो जाये या कंप्यूटर किसी भी वजह से बंद हो जाये | या फिर जब तक हम स्वयं उसे delete न कर दें | इसलिए इसे Non-volatile memory या permanent memory भी कहते हैं |

यह ऐसी मेमोरी है जिसे केवल read किया जा सकता है इसमें edit नहीं किया जा सकता है| इसका प्रयोग हम कंप्यूटर में Multimedia, Audio, Video, Images, Graphics, और अनेक प्रकार की application को स्टोर करने के लिए किया जाता हैं|

इसमें केवल एक बार प्रोग्रामिंग होने के बाद उसे सिर्फ read (पढना) किया जा सकता है उसमें कोई programming change या बदलाव नही किया जा सकता है |

जब आप computer On करते हैं तो English language में कुछ text लिखा आता है जिसमे कुछ भी change करना possible नहीं होता है आप उसे केवल read कर सकते हैं |

यह सब programmer और Manufacturer द्वारा सिर्फ एक बार लिखा गया होता है | अगर power बंद भी हो जाये तो भी यह data हमेशा सुरक्षित रहता है आप चाहकर भी उसे delete (मिटाना ) नही कर सकते |

यह Motherboard से जुडी हुई होती है user इसे RAM की तरह manually replace नही कर सकता | वैसे यह RAM से काफी सस्ती होती है आइये इनके बारे में जानते हैं |

ROM कितने प्रकार की होती है | Types of ROM in Hindi | 

ROM पांच प्रकार की होती है आइये इनके बारे में जान लेते हैं |

MROM (Masked Read only memory)

इस तरह की memory पहले के computer में use की जाती थी | इसका प्रयोग आजकल बिलकुल भी नही किया जाता है क्योंकि इसमें program और instruction manufacturer द्वारा पहले ही pre-loaded कर दिए जाते हैं जिनको किसी भी तरह edit या erase नही किया जा सकता है | यह काफी महंगी हुआ करती थी |

PROM (Programmable Read only memory)

ये memory user फ्रेंडली होती हैं जिनको electronic equipment द्वारा programmed किया जाता है | इसको अलग अलग field में अलग तरीके से प्रयोग किया जा सकता है |

इसको सिर्फ एक बार ही program किया जा सकता है जैसे किसी printer बनाने वाली company को 10 मॉडल के printer तैयार करने हैं तो printer की कॉन्फ़िगरेशन के हिसाब से उसको program कर लिया जायेगा और आसानी से use किया जा सकेगा |

EPROM (Erasable Programmable Read only memory)

ये primary memory भी आसानी की किसी भी computer या अन्य प्रोडक्ट के लिए सरलता से use की जा सकती हैं क्योंकि इनको product कॉन्फ़िगरेशन के हिसाब से re-program किया जा सकता है यानि इसके इस्तेमाल किये गए पहले program को हटाकर नया program upload किया जा सकता है |

इसका data remove करने के लिए इसे Ultraviolet rays के संपर्क में रखा जाता है तब यह पूरी तरह से (Blank) खाली हो पाती है | इसलिए इसको Ultraviolet EVPROM भी कहते हैं | इसको दो बार reprogram किया जा सकता है | यह काफी महंगी होती है | Power जाने के बाद भी इसमें data पहले जैसा बना रहता है |

EEPROM Electrically Erasable Programmable Read only memory)

इसमें कई बार program डाला जा सकता है यानी यह re-programmable memory है जिसमे erase करने के बाद ही दूसरा program upload किया जा सकता है | Computer के सभी Input और output devices में इसी memory का use किया जाता है |

इसको electrically erase किया जाता है जिससे इसके components में कोई ख़राबी नही आती है | इसको कम से कम 10,000 (दस हज़ार) बार erase करके फिर से use किया जा सकता है | 5th Generation में इस technology का विकास किया गया तब से लेकर आज तक इसको और ज्यादा modify किया जा रहा है |

Data को erase करने के लिए इसको कंप्यूटर के motherboard से अलग नही करना पड़ता है जिससे replacement का time बच जाता है |

EAROM (Electrically Alterable Read only memory)

यह memory बहुत कम देखने को मिलती है | यह RAM और ROM का मिला जुला रूप होती है | इसमें save किया हुआ program भी non volatile होता है यानि के power जाने पर भी data memory में बना रहता है |

इसको सीमित समय तक ही reprogram किया जा सकता है | इसमें data काफी देर से write होता है लेकिन इसको processing स्पीड काफी तेज़ होती है | मुख्य रूप से इसका प्रयोग mini-processor or mini-computers में किया जाता है |

Conclusion (निष्कर्ष )

जब तक आप कंप्यूटर पर काम कर रहे हैं और आपने अपना data save नही किया है तो वह temporary memory है और जब आप उसे save कर देते हैं तो वह permanent memory में सुरक्षित हो जाता है, यानी कि secondary memory में |

आपको ये आर्टिकल computer memory kya hai कैसा लगा, हमें comment करके बताएं | हम आपके सुझावों और comments का सम्मान करते है | हमारा आगे भी प्रयास रहेगा कि computer से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी  देते रहे | धन्यवाद!!

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adesh kumar chahal_itechshala owner

By ADESH KUMAR- Founder of iTechshala

नमस्कार दोस्तों ! मेरा नाम Adesh Kumar है, मैं एक web designer और full-time professional blogger हूँ | मुझे ब्लॉगिंग, डिजिटल मार्केटिंग, टेक्नोलॉजी, सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन, इंटरनेट और ऑनलाइन अर्निंग के बारे में हिंदी में लेख उपलब्ध कराना पसंद है |

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